अलीगढ़। अस्सलाम वालेअकुम... जैसे ही एएमयू के कैनेडी हाॅल में राहुल आए, उनके मुंह से निकलने वाले यह पहले शब्द थे। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पूरी तैयारी के साथ अलीगढ़ व एटा आए और पूरे उत्साह के साथ लोगों से रूबरू हुए। मीडिया से दूरी बनाते हुए सोची समझी रणनीति के तहत राहुल 2012 के चुनावों की प्रारंभिक तैयारी कर गए। वे यूथ कांग्रेस के सदस्यों के दिमाग की चाभी अभी से टाइट कर गए कि टिकट या पद लेना हो तो जमीनी स्तर पर काम करें, तभी उनकी दावेदारी के बारे में सोचा जाएगा। वह यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपनी रणनीति समझाकर चले गए।
राहुल का अलीगढ़ व एटा दौरा सियासी लोगों खलबली मचा गया। लिब्रहान कमेटी की रिपोेर्ट संसद में पेश हो चुकी है। छह दिसंबर को बाबरी एक्शन कमेटी के लोग विवादित ढांचा विध्वंस की बरसी मनाते हैं। वहीं सात दिसंबर से लिब्रहान की रिपोर्ट पर संसद में चर्चा होनी थी। ऐसे में मुस्लिम नेताओं को मरहम और मुस्लिम वोटों में संेध लगाने के लिए भी राहुल ने एएमयू को चुना। शायद इसीलिए मीडिया को भी दूर ही रखा गया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को अभी से जुट जाने और जमीनी स्तर से काम करने की सीख दी। राहुल उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। यही कारण है कि उन्होंने अपनी तैयारी की शुरुआत कर दी है। बता दें कि कल्याण सिंह एटा लोकसभा सीट से सांसद हैं और बाबरी विध्वंस के आरोपी भी हैं। इसीलिए ब्रज क्षेत्र में अलीगढ़ के बाद अन्य शहरों को न चुनकर एटा को ही चुना गया। राहुल का यह दौरा तो खत्म हो गया, लेकिन सियासत की हवा में गरमी बढ़ा गया। राहुल के दौरे में साफ संदेश था कि अब यूपी की बारी है।
-ज्ञानेन्द्र
Monday, December 7, 2009
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blog ka naam dekhkar chaunk gaya... mirchi kabhi mithi ho sakti hai kya? par aapki mirchi sach mein bahut mithi hai....
ReplyDeletejnaab adaab aapki tehrirbhut bhut achchi he . mera hindi blog akhtarkhanakela.blogspot.com he akhtar khan akela kota rajasthan
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